मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना : कम लागत में ज़्यादा पैदावार, किसानों की बढ़ेगी 10 गुना आय जानें कैसे?

भारत के अंदर लगभग 64 फीसदी आबादी खेती करती है जिसमें अधिकतर ऐसे लोग भी शामिल हैं जिन्हें अच्छी तरह खेती करना नहीं आता अर्थात् उन्हें कृषि संबंधित बहुत सी महत्त्वपूर्ण चीजों का ज्ञान नहीं होता, जिसके चलते अक्सर लोग पैसे के लालच में उच्च कीमत की फसल में निवेश करते हैं और अपना नुक़सान कर बैठते हैं।

कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म पहलूओं को ध्यान में रखना बहुत ज़रूरी होता है ताकि किसान को फसल की लागत से अधिक लाभ प्राप्त हो। लेकिन भारत में ज्यादातर किसान अपने पूर्वजों के तरीके से खेती करते हैं जबकि समय के साथ उन्हें आधुनिक तरीके सीखने की आवश्यकता है।

इसलिए केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए “मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना” चलाई जा रही है, इस योजना के माध्यम से किसानों को कम लागत में अधिक लाभ प्राप्त करने के बेहतर सुझाव दिए जाएंगे। चलिए जानते हैं इस योजना के अन्तर्गत आपको कौन से लाभ मिलेंगे?

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना क्या है?

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, केंद्र सरकार द्वारा संचालित एक महत्त्वाकांक्षी है जिसका उद्देश्य किसानों को उनके खेतों की मृदा के स्वास्थ्य के बारे जागरूक करना है ताकि वह मृदा की गुणवत्ता के अनुसार सही फसल लगाकर अच्छा लाभ कमा सकें और मृदा भी गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आधुनिक तरीके का उपयोग करें।

इस योजना के तहत किसानों को अपने खेत की मिट्टी के सैंपल इकट्ठा करके प्रयोगशाला में ले जाना होता है, इसके बाद वहां वैज्ञानिक मिट्टी की जांच करते हैं और प्रयोग के दौरान निकले परिणाम को “मृदा स्वास्थ्य कार्ड” में दर्ज किया जाता है।

योजना का नाममृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना “स्वास्थ धरा खेत हरा”
आरंभ वर्ष19 Feb, 2015
जारीकर्ताभारत सरकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, विभाग
उद्देश्यमिट्टी की उर्वरता का मूल्यांकन करके फसल की पैदावार बढ़ाना
लाभार्थीभारतीय किसान
Official Websitehttps://soilhealth.dac.gov.in/
More info.www-india-gov-in/soil-health-card  
Contact EmailSoilhealthcard.support@krishitantra.com  

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के उद्देश्य

  • किसानों को उनकी मिट्टी की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी देना।
  • मिट्टी की जरूरत के अनुसार उर्वरकों का उपयोग करके कृषि लागत को कम करना और उत्पादन बढ़ाना।
  • अत्यधिक उर्वरक के उपयोग को कम करके जल और मिट्टी के प्रदूषण को रोकना।
  • मिट्टी की स्वास्थ्य को बनाए रखकर लम्बे समय तक उत्पादकता सुनिश्चित करना।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत मिलने वाले फ़ायदे

  • इस योजना के तहत किसानों की मिट्टी का अच्छी तरह परीक्षण किया जाता है और उन्हें Soil Health Card प्रदान किया जाता है, जिससे उन्हें यह जानकारी प्राप्त होती है “कौन सी फसल उगानी चाहिए और कौन सी नहीं”।
  • हर तीन साल में एक बार वे किसानों को रिपोर्ट दी जाएगी, यदि कुछ कारकों के कारण मिट्टी की प्रकृति बदल जाती है, तो किसानों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं होगी। साथ ही, उन्हें हमेशा अपनी मिट्टी के बारे में अपडेट डेटा प्राप्त होता रहेगा।
  • सरकार का काम मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए ज़रूरी उपायों की सूची बनाने तक ही सीमित नहीं है। बल्कि, वे सुधारात्मक उपाय करने में किसानों की मदद करने के लिए विशेषज्ञों की भी नियुक्ति करेंगे।
  • मृदा कार्ड से किसानों को यह जानकारी मिलती है कि उनकी मिट्टी में किन पोषक तत्वों की कमी है और किस उर्वरक की जरूरत है। जिससे फसल की पैदावार बढ़ाने में मदद मिलती है।
  • आम तौर पर सरकारी योजनाओं में किसी किसान के लिए मिट्टी की जांच करने वाला व्यक्ति बदल जाता है। लेकिन मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना में सरकार इस बात पर ध्यान दे रही है कि किसान के लिए मिट्टी की जांच एक ही व्यक्ति करे।
  • इस योजना के माध्यम से भारत सरकार कृषि भूमि की जांच करके, उससे ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा उठाने और उसे बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड में क्या जानकारी होती है?

  • मिट्टी की बनावट और संरचना के बारे में जानकारी।
  • नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम आदि जैसे प्रमुख पोषक तत्वों की मात्रा।
  • जिंक, लोहा, तांबा आदि जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा।
  • मिट्टी की जरूरत के अनुसार उर्वरकों की मात्रा और प्रकार की सिफारिश।
  • PH लेवल – मिट्टी की अम्लीयता या क्षारीयता का स्तर।
  • जैविक कार्बन – मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा।
  • पोषकतत्वों की कमी को पूरा करने के उपाय।
  • ज़मीन की गुणवत्ता सुधारने के लिए वैज्ञानिक द्वारा सुझाव।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के लिए पात्रता एवं जरूरी दस्तावेज

पात्रता मापदंड

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के लिए कोई विशेष पात्रता मापदण्ड जारी नहीं किए गए हैं, सभी इच्छुक किसान इस का लाभ ले सकते हैं। आवेदक किसान के पास निम्न दस्तावेज होने चाहिए 👇🏻

आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • खसरा नंबर
  • कृषि भूमि क्षेत्रफल
  • बैंक पासबुक
  • पंजीकरण फॉर्म

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना में आवेदन कैसे करें?

Step 1

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का लाभ लेने के लिए किसान को अपनी कृषि भूमि का सैंपल लेकर मृदा परीक्षण प्रयोगशाला, केन्द्र पर जाना होगा। इसलिए पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आपके जिले में “मृदा परीक्षण प्रयोगशाला” कहां पर है?

इसके लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर Locate Soil Testing Laboratory के विकल्प पर क्लिक करना है। अब अपने राज्य और जिला चुनें, Search के बटन पर क्लिक करें।

Step 2

कृषि भूमि की जांच होने के पश्चात् जानकारी ऑनलाइन दर्ज कर दी जाती है, जिसे आप “मृदा स्वास्थ्य कार्ड” के रुप में प्राप्त कर सकते हैं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड कार्ड डाउनलोड करने के लिए आप निम्न चरणों को फॉलो कर सकते हैं 👇

  • सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
  • यदि आपने पहले यहां रजिस्ट्रेशन किया हुआ है तो लॉगिन कर सकते हैं अन्यथा Login के विकल्प पर क्लिक करके User Registration के तहत रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
  • होम पेज पर Print Soil Health Card के बटन पर क्लिक करें।
  • यहां आपको सॉइल हेल्थ कार्ड डाउनलोड करने के लिए दो विकल्प मिलेंगे Phone number और फार्मर नेम
  • जो आपको उचित लगे उसे उपयोग कर सकते हैं और आवश्यक जानकारी दर्ज करके सॉयल हेल्थ कार्ड प्राप्त कर सकते हैं ।
  • इस प्रकार आप आसानी से सॉयल हेल्थ कार्ड योजना में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

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महत्त्वपूर्ण शब्द

यदि आप एक किसान हैं तो आपको इस योजना का आवश्यक रूप से रुप से लेना चाहिए, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना भारत में कृषि क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव ला रही है। यह योजना किसानों को सशक्त बनाती है और उन्हें अपनी भूमि का अधिक कुशलता से उपयोग करने में मदद करती है।

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