#64 Passive income idea – By Team X

क्या आपने एक ऐसा जीवन चाहते हैं जहां सब कुछ आपके अनुसार हो अर्थात् आपके दिन शुरुआत खूबसूरत सूर्योदय से हो और धीमा संगीत सुनते हुए सैर पर निकले, ताज़ा हवा का आनंद लें और सुबह का नाश्ता करके अपनी परिवार के साथ किसी सुंदर जगह पिकनिक के लिए जाएं ।

जीवन में ऐसी स्वतंत्रता और आनंद पाने के लिए आपको ऐसा आय स्रोत बनाने की आवश्यकता होगी, जिससे आपको नियमित रूप से काम किए बगैर पैसिव इनकम होती रहे ।

यहां आप जानेंगे पैसिव इनकम अर्जित करने का जबरदस्त आइडिया, जो आपके चेहरे पर मुस्कान और मन में खुशियों की लहर ले आएगा, जीवन में स्वतंत्रता और आनंद ले आएगा । चलिए शुरू करते हैं यह रोमांचक सफर …

आज का अद्भुत पैसिव इनकम आइडिया है – कमर्शियल प्रॉपर्टी ख़रीदना और लीज पर देना, क्या आप जानते हैं पैसिव इनकम अर्जित करने के लिए रियल इस्टेट लोगों की पहली पसंद और सबसे प्रभावी विकल्प है ।

आज के समय दुनिया के बड़े-बड़े धनी व्यक्ति अधिकतर अपना पैसा रियल इस्टेट में निवेश करते हैं क्योंकि रियल इस्टेट इंडस्ट्री लगातार विकसित हो रही है और कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज की डिमांड भी बढ़ रही है । Commercial Property वे प्रॉपर्टी हैं जिन्हें किसी व्यवसाय (बिज़नेस) के उद्देश्य से उपयोग किया जाता है जैसे – दुकान, ऑफिस, गोदाम, बिल्डिंग आदि स्पेस ।

लीज (पट्टा) का उद्देश्य प्रॉपर्टी को किराए पर देना होता है लेकिन इसमें प्रॉपर्टी मालिक लंबे समय (5, 10 साल या इससे अधिक) के लिए लीज एग्रीमेंट के आधार पर प्रॉर्पटी किराए पर देता है जिसमें किराएदार को प्रॉपर्टी को अपने उपयोग करने के लिए कुछ अधिकार मिल सकते हैं और प्रॉपर्टी मालिक नियमित किराया प्राप्त करता है ।

फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कॉमर्शियल प्रॉपर्टी का मार्केट साइज़ 2024 में 40.71 बिलियन डॉलर और 2029 तक 106.05 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना जताई है, अर्थात् इसमें अच्छा लाभ कमाया जा सकता है । आइए इसे कुछ आसान चरणों में समझते हैं –

यह कैसे काम करता है?

चरण 1 – पहले आपको ऐसी कॉमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदनी होगी जिसकी मांग अधिक हो ।

चरण 2 – इसके बाद आप ऐसे ग्राहक या कंपनी तलाश करते हैं जिन्हें कॉमर्शियल प्रॉपर्टी की आवश्यकता है और उन्हें प्रॉपर्टी लीज पर देते हैं ।

चरण 3 – इस प्रकार आपको उस ग्राहक या कंपनी द्वारा हर महीने किराया मिलता है, जिससे आपको पैसिव इनकम होती है । चलिए जानते हैं कैसे आप भी कॉमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदकर और लीज पर देकर पैसिव इनकम अर्जित कर सकते हैं?

कॉमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदना और लीज पर देना कोई आसान काम नहीं है, यह रियल इस्टेट बिज़नेस के अंतर्गत आता है जिसमें आपको मेहनत, समय और निवेश की आवश्यकता होगी । चलिए जानते हैं स्टेप बाय स्टेप –

Step 1

पहले आपको कॉमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदनी होगी और इसके लिए रिसर्च करनी होगी । एक ऐसे लॉकेशन पर कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज की तलाश करें जहां कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज की मांग अधिक हो या जिस एरिया में बिजनेस अधिक संभावनाएं हों, जैसे शॉपिंग मॉल, बिजनेस हब, ऑफिस आदि।

अपना बजट तैयार करें कि आप कितनी रकम निवेश करके प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं और किस उद्देश्य के लिए ख़रीदना चाहते हैं जैसे स्मॉल शॉप, शॉपिंग मॉल, कंपनी, ऑफिस आदि ।

Step 2

Buy Commercial Property – कॉमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने के लिए आपके पास दो विकल्प हैं, पहला ऑफलाइन – किसी रियल एस्टेट एजेंट्स और ब्रोकर्स, बिल्डर्स या डेवलपर्स के माध्यम से आप अपने उद्देश्य और बजट के मुताबिक़ अच्छी कॉमर्शियल प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं, प्रॉपर्टी अपने नाम कराकर लीगल पेपर प्राप्त कर सकते हैं ।

दूसरा ऑनलाइन पोर्टल्स – इंटरनेट पर ऐसे बहुत से प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं जिनके माध्यम से आप कॉमर्शियल प्रॉपर्टी या खाली स्पेस खरीद सकते हैं MagicBricks, housing.com अन्य प्लेटफॉर्म,यहां आपको एक सही प्रॉपर्टी चुनकर उसके मालिक से संपर्क करना है और उचित दाम में डील करके, प्रॉपर्टी के पेपर्स सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करके खरीद सकते हैं ।

यहां आपको प्रॉपर्टी खरीदते समय यह ध्यान रखना है कि जिस एरिया में आप प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, वहां प्रॉपर्टी की कीमत और किराया दर क्या है? और इलाके की ग्रोथ पोटेंशियल की अच्छी तरह जांच करें क्या वाकई वहां आपको कोई कॉमर्शियल प्रॉपर्टी लीज पर लेने के लिए मिल सकता है या नहीं?

✍️ Note

यदि शुरुआत में ही आपको ग्राहक मिल जाता है जो आपसे लीज पर प्रॉपर्टी लेने की मांग करता है, ऐसे में अगर प्रॉपर्टी प्रॉपर्टी खरीदने के लिए कुछ रकम की कमी होती है तो आप अपना बजट तय करके फाइनेंस की ओर जा सकते हैं और किसी बैंक, वित्तीय संस्थान या अन्य व्यक्ति से लोन ले सकते हैं ।

Step 3

Find Leasee (Renter) – प्रॉपर्टी खरीदने के पश्चात् आपको ऐसे व्यक्ति की तलाश करनी होगी जिसे कॉमर्शियल प्रॉपर्टी की आवश्यकता हो । इसके लिए आपको मार्केट में अपनी पहचान बनाने और प्रचार करने की आवश्यकता होगी, मार्केट में अपनी पहचान बनाने के लिए आप अन्य प्रॉपर्टी डीलर और ब्रोकर से कनेक्शन बना सकते हैं और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब) पर प्रोफेशनल अकाउंट बनाएं और कॉमर्शियल प्रॉपर्टी से संबंधित कुछ उपयोगी कंटेंट लोगों के साथ शेयर करें ।

प्रचार (मार्केटिंग) करने के लिए आप ऑफलाइन मार्केटिंग स्ट्रेटजी अपना सकते हैं – बिलबोर्ड एडवर्टाइजिंग, टेलीविजन, न्यूजपेपर, मैगज़ीन विज्ञापन, कम्युनिटी नोटिस बोर्ड्स आदि । ऑनलाइन मार्केटिंग स्ट्रेटजी – डिजिटल मार्केटिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग, शुल्क विज्ञापन आदि ।

इसके अलावा आप MagicBricks, 99acres, OLX, Housing.com जैसे किसी ऑनलाइन पोर्टल्स के माध्यम से अपनी कॉमर्शियल प्रॉपर्टी लीज पर देने के लिए लिस्ट कर सकते हैं या किसी रियल एस्टेट एजेंट्स की सहायता ले सकते हैं जो आपके लिए किरायेदार ढूंढते हैं, लीज़ एग्रीमेंट तैयार करते हैं और इस पूरे प्रोसेस को मैनेज करने में मदद करते हैं ।

Step 4

Budget – प्रॉपर्टी खरीदने, स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन फीस, मेंटेनेंस, और रिनोवेशन में आपको कितना निवेश करना पड़ा, इसका बजट तैयार करें और इसके अनुसार प्रॉफिट प्राप्त करने के लिए सही किराया तय करें जिससे आपको नियमित पैसिव इनकम होगी ।

Final Deal – जब आपको एक ग्राहक मिलता है, अपने शर्तें उसके सामने रखें, कितने समय के लिए आप प्रॉपर्टी लीज पर देना चाहते हैं, कितने समय में कितना किराया देना होगा और उसे प्रॉपर्टी के क्या अधिकार मिलेंगे आदि ।

इस तरह दोनों पक्षों के एक दूसरे की शर्तें मानकर किसी वकील द्वारा गवाह की मौजूदगी में लीज एग्रीमेंट तैयार करा सकते हैं जिसमें सभी शर्तें लिखित रुप में होंगी । लीज एग्रीमेंट की अवधि ख़त्म होने तक प्रॉपर्टी मालिक नियमित रूप से पैसिव इनकम अर्जित करता है ।

प्रॉपर्टी खरीदना और लीज पर देना आपके लिए एक सरल प्रक्रिया हो सकती है, यदि आप इसमें आने वाली चुनौतियों को समझकर उनका सही समाधान निकालते हैं । आइए जानते हैं कुछ चुनौतियों के बारे में

  • यदि आप किसी ऐसे एरिया में कॉमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदते जहां बिज़नेस की संभावनाएं कम हैं, ऐसे में आपको अच्छी आय उत्पन्न करने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा । इसलिए कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए एक सही लॉकेशन चुनना बहुत महत्त्वपूर्ण है ।
  • एक सही किराएदार (लीज़ी) को तलाश करना एक बड़ी चुनौती हो सकती है जो आपकी प्रॉपर्टी का सही तरीके से उपयोग करें, समय पर किराया दे और कोई नुकसान न पहुंचाए ।
  • यदि आप लीज एग्रीमेंट ठीक से तैयार नहीं कराते हैं तो इससे भविष्य में कई कानूनी विवाद पैदा होने की संभावना है ।
  • अगर किराएदार लीज एग्रीमेंट की अवधि पूरी होने से पहले ही ज़मीन छोड़ने की मांग करता है या समय से पहले ज़मीन छोड़ना चाहता है, इससे आपकी आय पर गहरा प्रभाव पड़ेगा । इसलिए लीज़ एग्रीमेंट में लॉक-इन पीरियड की शर्त जोड़ना आवश्यक है ताकि वह बीच में एग्रीमेंट न तोड़ सके ।
  • अगर किसी कारण वश किराएदार को बिज़नेस में नुकसान होता है ऐसे वह किराया देने में असमर्थ हो सकता है ।
  • रियल इस्टेट मार्केट में मंदी आती है तो प्रॉपर्टी का किराया कम हो सकता है और समय पर कोई किराएदार न मिलने पर प्रॉपर्टी खाली रहने से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है ।
  • लीज़ एग्रीमेंट या प्रॉपर्टी से जुड़े कानून का पालन करने के लिए आपको किसी पेशेवर वकील से सलाह लेने की आवश्यकता होगी ताकि आने वाले समय में कानून में परिवर्तन होने पर आपको नुकसान न हो ।

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यदि आप अपनी अतिरिक्त प्रॉपर्टी को कुछ साल के लिए उपयोग नहीं लाने वाले हैं या आपके पास किसी कुछ अतिरिक्त पूंजी है, ऐसे में यह प्रॉपर्टी ख़रीदना और लीज पर देना आपके लिए एक पैसिव इनकम उत्पन्न कर सकता है, जहां आपको कोई मेहनत का काम करने की आवश्यकता नहीं होगी ।

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