#56 Passive income idea – By Team X

आज भले ही आप अपनी आवश्यकताओं को मेहनत करके पूरा कर पा रहे हों और एक अच्छा जीवन व्यतीत कर रहे हों लेकिन यह ज़रूरी नहीं कि सब सही चलता रहे, हमें अपने जीवन में अक्सर ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है जो हमें कुछ सीखा जाती हैं या ऐसे बिखेर देती हैं इंसान कुछ नहीं कर पाता ।

आज के डिजिटल दौर में हर व्यक्ति को अपनी वित्तीय स्थिति का प्रबन्ध करना बहुत ज़रूरी है, बेशक आज आपके पास कोई अच्छा आय का स्रोत हो या न हो ।

इसलिए आप इस पैसिव इनकम सीरीज़ में जानेंगे कुछ जबरदस्त पैसिव इनकम आइडिया, जिन्हें अपनाकर आप अतिरिक्त आय अर्जित करके अपने भविष्य को बेहतर बना सकते हैं, चलिए जानते हैं आसान शब्दों में …

आज का जबरदस्त पैसिव इनकम आइडिया है – ऑफिस स्पेस रेंट पर देना, आज के समय में भारत तेज़ी से विकसित हो रहा है जहां प्रतिवर्ष नई कंपनियां और व्यवसाय रजिस्टर हो रही हैं ।

किसी भी कंपनी या छोटे-बड़े व्यवसाय स्थापित करने के लिए जगह (स्पेस) एक अहम भूमिका निभाती है, जहां आप लोगों को आकर्षित कर सकते हैं और मार्केट अपनी उद्यमी के रुप में पहचान बना सकते हैं ।

आज के समय में ज़मीन के दाम आसमान छू रहे हैं और रियल इस्टेट इंडस्ट्री तेज़ी से विकसित हो रही है जिसका मार्केट साइज़ 24 लाख करोड़ है । लोगों पर इसका बहुत प्रभाव पड़ रहा है, जगह खरीदने के मुकाबले में लोग कम निवेश में रेंट पर लेना पसंद कर रहे हैं ।

यदि आज आपके पास कोई खाली स्पेस है तो यह समझ लीजिए आपके हाथ सोने के अंडे देने वाली मुर्गी लगी है । आइए समझते हैं कैसे आप सही योजना बनाकर पैसिव इनकम अर्जित करके धनवान व्यक्ति बन सकते हैं?

ऑफिस स्पेस रेंट पर देना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है, अक्सर किराएदार और मकान मालिक के बीच समझौते, तकरार के मामले सामने आते रहते हैं, इसलिए इस प्रक्रिया को स्टेप बाय स्टेप जानेंगे

Step 1

सबसे पहले आपको चाहिए होगी जगह, जिसे आप रेंट पर देना चाहते हैं । यह आपकी बिल्डिंग का एक फ्लोर, पूरी बिल्डिंग हो सकती है या एक कमरा, कोई ख़ाली प्रॉपर्टी जिसे फिलहाल आप उपयोग नहीं कर रहे, कुछ ऐसा स्पेस (जगह) आपके पास होना चाहिए जिसकी लॉकेशन भी अच्छी हो ।

आज के समय में अच्छी लॉकेशन वाली जगह के दाम मार्केट में बहुत अधिक हैं जिन्हें लोग तलाश करते रहते हैं । यदि आपके पास कोई ऐसी जगह नहीं होगी है तो आप ब्रोकर के माध्यम से खरीद सकते हैं ।

Step 2

Office Space Setup – जब किसी व्यक्ति को ऑफिस स्पेस की आवश्यकता होगी, उसे कुछ आवश्यक चीज़े भी चाहिए ताकि वह अच्छी तरह अपना कार्य कर सके । इसलिए आपको जगह एक ऑफिस स्पेस के मुताबिक़ तैयार करने की आवश्यकता होगी अन्यथा जल्दी कोई किराएदार जगह रेंट पर लेने के लिए राज़ी नहीं होगा ।

इसके लिए आपको साफ़- सफ़ाई, फर्नीचर (जैसे टेबल, कुर्सियाँ), बिजली, पानी या इंटरनेट जैसी आवश्यक चीजों की उचित सुविधा का इंतजाम करना होगा ताकि ऑफिस स्पेस एकदम प्रोफेशनल लगे और किराएदार भी आकर्षित होकर मुंह मांगी रकम देने के लिए राज़ी हो जाए क्योंकि कंपनियों, स्टार्टअप्स, या फ्रीलांसर्स को अक्सर प्रोफ़ेशनल ऑफिस स्पेस की आवश्यकता होती है ।

Step 3

Pricing – ऑफिस स्पेस अच्छे से तैयार करने के पश्चात् आपको किराया तय करना है, यहां आपको जल्दबाज़ी नहीं करनी पहले अच्छी तरह मार्केट चल रहे रेंट (प्राइस) का पता लगाएं, अपने क्षेत्र के अन्य ऑफिस स्पेस से तुलना करें वह कौन सी सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं? और कितना रेंट ले रहें हैं?

शुरुआत में आप एक बेसिक रेट तय कर सकते हैं और फिर सुविधाओं के आधार पर यह देख सकते हैं कि कितना रेंट इन सुविधाओं को बनाएं रखने के लिए और आपके प्रॉफिट के लिए पर्याप्त रहेगा ।

Find Renter’s – अब शुरू होता है सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य किराएदार तलाश करना एक बड़ा जटिल काम है, ख़ासतौर से जब आपके रियल इस्टेट से संबंधित लोगों के साथ संबंध न हों ।

पहले आपको ये कोशिश करनी है कि आपके एरिया में ही कोई किराएदार मिल जाए जिसकी वित्तीय स्थिति अच्छी हो ताकि वह समय पर किराया दे सके, इसके लिए आप लोकल अखबारों में विज्ञापन (Ads.) करा सकते हैं, या अपने मित्रों, जान-पहचान वालों (परिचितों) से संपर्क कर सकते हैं ।

इसके अलावा आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का लाभ उठा सकते हैं और अपने ऑफिस स्पेस को यहां लिस्ट करके बड़ी संख्या में किराएदार तक पहुंच सकते हैं, जैसे 99acres, MagicBricks, NoBroker, OLX और Quikr आदि या Square Yards, JLL, CBRE जैसे कमर्शियल रियल इस्टेट (CRE) प्लेटफॉर्म्स के जरिए अपने ऑफिस स्पेस को कॉर्पोरेट्स या बड़े बिजनेस के लिए किराए पर दे सकते हैं ।

Step 4

Aggreement – अपनी कोई भी प्रॉपर्टी किसी व्यक्ति को रेंट पर देने से पहले, एक वैध रेंट एग्रीमेंट तैयार करना बहुत ज़रूरी है जिसमें किराए की राशि, समयावधि, किराएदार के कर्त्तव्य, अधिकार और अन्य शर्तें लिखी हों । दोनों पक्षों (आप और किराएदार) ने इसे साइन किया हो, ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो ।

यहां आपको अपने स्थानीय नियमों का पालन करना होगा, इसलिए आप किसी रियल इस्टेट संबंधी वकील या अन्य किसी विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं ताकि बाद में आपका किसी कानूनी कार्रवाई में समय व्यर्थ न हो । ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से आप किसी वकील से सम्पर्क करके आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।

Last Step

जब आपको कोई अच्छा किराएदार मिल जाए उससे आप डील कर सकते हैं । इसके बाद आपको स्पेस की देखभाल संबंधी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी, अगर कोई मरम्मत की जरूरत होने पर समय पर उसे ठीक कराएं या कोई और समस्या होने पर किराएदार को सपोर्ट दें, ताकि वे खुश रहें और लंबे समय तक आपका ग्राहक बना रहे ।

इसके अलावा आप कॉन्फ्रेंस रूम, मीटिंग रूम, पार्किंग स्पेस या कैफेटेरिया (कॉफी हाउस) जैसी सुविधाओं के लिए अलग से रेंट लेकर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं ।

इस प्रकार आप अपना ऑफिस स्पेस रेंट पर देकर नियमित रूप से काम किए बिना पैसिव इनकम अर्जित कर सकते हैं और अपनी सभी मुश्किलों को हंसते-हंसते अलविदा कह सकते हैं ।

Risk & Challenge’s

#1. एक अच्छा और भरोसेमंद किराएदार मिलना बहुत मुश्किल है जो आपकी प्रॉपर्टी ख्याल रखे और समय पर किराया दे, इसलिए किसी भी किराएदार को रेंट पर प्रॉपर्टी देने से पहले उसके बारे में सोशल इंक्वायरी करें उसका फाइनेंशियल स्टेट्स, आइडेंटिटी की जांच करें यदि यह कोई कंपनी है बैलेंस शीट की जांच करना ।

#2. ऑफिस स्पेस के लिए तुरंत किराएदार मिलना मुश्किल हो सकता है, जिससे आपका स्पेस खाली रहेने के कारण कुछ समय के लिए इनकम न हो पाएं ।

#3. ऑफिस स्पेस की देखभाल और मरम्मत आदि कार्यों में आपको खर्चा करने की आवश्यकता होगी, अगर कोई बड़ी समस्या आती है, ऐसे में यह खर्चा काफी बढ़ सकता है ।

#4. कभी-कभी किराएदार समय पर किराया देने में असमर्थ हो सकते हैं, आपके रेंट एग्रीमेंट के नियमों का उल्लंघन कर सकते हैं या जगह (प्रॉपर्टी) को नुकसान पहुंचा सकते हैं ऐसे मामलों में आपको कानूनी कार्यवाही करने की आवश्यकता हो सकती है ।

#5. यदि आपके एरिया में बहुत से ऑफिस स्पेस उपलब्ध हैं ऐसे में इस कंप्टीशन का सामना करना मुश्किल हो सकता है जिससे आपको अपने स्पेस को किराए पर देने में कठिनाई हो सकती है और किराया कम करना पड़ सकता है ।

#6. अगर मार्केट की आर्थिक स्थिति खराब होती है या बिजनेस क्षेत्र में मंदी आती है, ऐसे में नए किराएदार ढूंढना मुश्किल होगा और रेंट दर (किराया) भी कम हो सकता है ।

#7. समय के साथ किराया बढ़ाने के लिए आपको एग्रीमेंट में आवश्यक जानकारी देनी होगी ताकि आप मार्केट की स्थिति के अनुसार या हर तीन वर्ष बाद किराया बढ़ा सकें ।

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इस लेख दी गई उपयोगी जानकारी का लाभ उठाकर आप ऑफिस स्पेस रेंट पर देकर पैसिव इनकम उत्पन्न कर सकते हैं और अपने भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं बशर्ते के आप उपरोक्त रिक्स और चुनौतियों के प्रति सतर्क रहें ।

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