क्या आप किसी समुद्र के किनारे रखी एक कुर्सी पर आराम से बैठकर लहरों को उठता और आज़ाद पक्षियों को पंख फैलाए उड़ते देखना चाहते हैं अर्थात् एक स्वतंत्र जीवन जहां आपको किसी के लिए काम करने की आवश्यकता न हो और आप स्वयं के मालिक हों ।
यह सब वास्तव में संभव हो सकता है यदि आप आज पैसिव इनकम उत्पन्न करने के लिए मेहनत करते हैं, कमाई का ऐसा स्रोत जिससे आपको नियमित रूप से काम किए बिना इनकम होती रहेगी । यदि आपके पास पहले से कोई इनकम सोर्स है, यह आपके लिए एक्स्ट्रा इनकम उत्पन्न कर सकता है ।
यहां आप जानेंगे टीम एक्स द्वारा कुछ आश्चर्यजनक पैसिव इनकम आइडिया, जिन पर काम करके आप पैसिव इनकम उत्पन्न करके फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट बन सकते हैं, चलिए शुरू करते हैं यह रोमांचक सफर …
Passive income idea
आज का अद्भुत पैसिव इनकम आइडिया है – म्यूचुअल फंड में निवेश, म्यूचुअल फंड के बारे में आपने कहीं न कहीं अवश्य सुना होगा या वह विज्ञापन देखा होगा “म्यूचुअल फंड सही है“ आज इसके बारे में जानेंगे कैसे आप म्यूचुअल फंड में निवेश करके पैसिव इनकम शुरू कर सकते हैं ।
आज के समय में लगभग सभी लोग इससे परिचित हैं कि शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट में निवेश करके पैसा कमाया जाता है, जिनमें से कुछ लोग हिम्मत करके निवेश करते हैं लेकिन मार्केट की समझ ना होने से अपना पैसा गवा देते हैं । ऐसे में म्यूचुअल फंड के आने से लोगों को निवेश का एक ऐसा विकल्प मिला जिससे वह छोटे निवेश से बड़ा लाभ कमा सकें और उनका रिस्क कम और प्रॉफिट होने की संभावना बढ़ गई ।
म्यूचुअल फंड के इतना प्रचलित होने का कारण है इसका निवेश मैनेजमेंट सिस्टम, जहां लोगों का पैसा निवेश करने के लिए फंड मैनेजर होते हैं । आइए समझते हैं म्यूचुअल फंड है क्या ?
Mutual Fund क्या है और कितने प्रकार के होते हैं?
म्यूचुअल फंड (अर्थ – कॉमन फंड), यह एक ऐसा फंड है जहां बहुत से लोगों का पैसा इकट्ठा किया जाता है यह फंड AUM (Asset Under Management) कहलाता है । इस इकट्ठा किए गए फंड को ऐसी जगह निवेश किया जाता है जहां ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त किया जा सके ।
हर म्यूचुअल फंड को मैनेज करने के लिए प्रोफेशनल्स होते हैं जिन्हें फंड मैनेजर कहा जाता है । म्यूचुअल फंड में जमा किए गए फंड को कहां, कब, कितना निवेश करना है यह सब फंड मैनेजर ही तय करते हैं ।
म्यूचुअल फंड के प्रकार – मुख्य रूप से म्यूचुअल फंड तीन प्रकार के होते हैं इक्विटी, डेब्ट और हाइब्रिड म्यूचुअल फंड । इसके अलावा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के फंड मैनेजर आपके निवेश को कहां निवेश कर रहे हैं इसके आधार पर कई तरह के म्यूचुअल फंड हो सकते हैं ।
Equity Mutual Funds – यह ऐसे फंड होते हैं जहां आपका पैसा शेयर बाजार में निवेश किया जाता है, इसमें रिस्क ज्यादा हो सकता है, लेकिन लाभ भी ज्यादा होता है । High Risk/High Profit
Debt Mutual Funds – यह फंड आपके पैसे को सरकारी और कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में निवेश करते है, इसमें इक्विटी फंड के मुकाबले में रिस्क और प्रॉफिट दोनों कम हो सकते हैं । Low Risk/Stable Profit
Balanced or Hybrid Mutual Funds – ऐसे फंड्स आपके पैसे को इक्विटी और डेब्ट दोनों तरह के फंड में निवेश करते हैं जिससे आपका रिस्क और प्रॉफिट में संतुलन बना रहे । इसमें प्रॉफिट और रिस्क, डेब्ट म्यूचुअल से अधिक होते हैं और इक्विटी म्यूचुअल फंड से कम होते हैं ।
इस तरह जब आप किसी म्यूचुअल फंड द्वारा बड़ी, छोटी या माध्यम वर्ग कंपनी में निवेश करते हैं तो यह Large/Small/Mid Cap Funds कहलाते हैं ।
Structure Based Mutual Funds
Open Ended Mutual Funds – यह ऐसे फंड होते हैं जहां आप कभी भी इन्वेस्ट और सेल कर सकते हैं ।
Close Ended Mutual Fund – ऐसे म्यूचुअल फंड आपको सिर्फ़ शुरू में निवेश करने की अनुमति देते हैं और म्यूचुअल फंड के टर्म पूरा होने तक आप न ही निवेश कर सकते हैं और न ही सेल कर सकते हैं ।
Interval Mutual Funds – यह फंड आपको एक ख़ास अंतराल पर ही निवेश और सेल करने की अनुमति देते हैं और यह इंटरवल (अंतराल) म्यूचुअल फंड तय करते हैं, इस इंटरवल के अंत होने के बाद आप न ही निवेश कर सकते हैं और न ही सेल कर सकते है ।
Mutual Fund कैसे काम करता है?
म्यूचुअल फंड कोई कंपनी नहीं होती बल्कि यह किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के प्रॉडक्ट्स होते हैं, यह ऐसी कंपनी होती हैं जिन्हें SEBI से म्यूचुअल फंड लॉन्च करने का लाइसेंस मिलता है भारत में ऐसी कई एएमसी कंपनी हैं जो अपने नाम से कई प्रकार के म्यूचुअल फंड ऑपरेट करती हैं जैसे HDFC, SBI, ICICI, Nippon India आदि ।
जब आप किसी कंपनी में निवेश करते हैं तो आपको उस कंपनी के शेयर मिलते हैं लेकिन जब आप किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो यहां आपको उस म्यूचुअल फंड की यूनिट मिलती हैं और एक यूनिट की कीमत उस म्यूचुअल फंड की NAV (Net Asset Value) से पता चलती है ।
आपकी खरीदी गई यूनिट्स की “एनएवी” बढ़ जाने पर आपको प्रॉफिट होता है, इसके बढ़ जाने पर आप इसे सेल करके प्रॉफिट कमाते हैं ।
उदाहरण – अगर आप किसी म्यूचुअल फंड में ₹1000 निवेश करते हैं जिसकी NAV इस समय 100 है, इस तरह आपको 10 यूनिट्स मिल जाएंगे । यदि 1 साल बाद NAV बढ़कर 150 हो जाती है तो आपको 10X150 = 1500 अर्थात् ₹500 का प्रॉफिट होगा।
इस तरह म्यूचुअल फंड में पहले लोगों का पैसा जमा किया जाता है जिसे फंड मैनेजर अलग-अलग कंपनियों के शेयरों, बॉन्ड्स, और अन्य जगहों पर निवेश करते हैं और जितना भी लाभ होता है वह लोगों के बीच उनके निवेश के अनुपात में बांटा जाता है जिसमें लॉस भी शामिल हो सकता है ।
Mutual Funds में कैसे निवेश करें?
म्यूचुअल फंड में निवेश करके पैसिव इनकम उत्पन्न करने के लिए आपको अपने लक्ष्य को तय करने और निम्न स्टेप को फॉलो करने की आवश्यकता होगी ताकि आप मुस्कुराते हुए अपने प्रॉफिट का लाभ उठा सकें ।
Step 1
सबसे पहले आपको अपना लक्ष्य तय करना होगा कि आप कितना पैसा निवेश करना चाहते हैं?, किस समय अवधि तक और कैसे निवेश करना चाहते हैं अर्थात् थोड़ा थोड़ा करके या एकदम । कम रिस्क के साथ निवेश करके प्रॉफिट लेना चाहते हैं या अधिक रिस्क लेकर बड़ा प्रॉफिट कमाना चाहते हैं आदि सवालों के मंथन से निकलकर प्रॉफिट, रिस्क और टाइम को ध्यान में रखते हुए लक्ष्य तय करें ।
Step 2
रिसर्च – अपने लक्ष्य के मुताबिक़ रिसर्च करके एक सही म्यूचुअल फंड चुनें, जिसमें निवेश करने पर आपको संतुष्टि प्राप्त हों । आमतौर पर म्यूचुअल फंड्स 4 से 30 प्रतिशत और इससे अधिक भी प्रॉफिट दे सकते हैं और जिनमें न्यूनतम रिस्क तथा हाई रिस्क हो सकता है ।
यदि आप स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं कई प्रकार के इक्विटी फंड में निवेश कर सकते हैं जैसे – लार्ज, स्मॉल या मिड कैप इक्विटी फंड, डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड, ईएलएसएस, सेक्टर म्यूचुअल फंड, इंडेक्स म्यूचुअल फंड
इसी तरह आप अलग कई प्रकार के डेब्ट म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं “लो रिस्क/लो रिटर्न” जैसे – लिक्विड फंड, गिल्ट फंड, फिक्स मैच्योरिटी प्लान आदि ।
अगर आप इक्विटी और डेब्ट दोनों फंड में निवेश करना चाहते हैं तो हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, “बैलेंस्ड सेविंग फंड्स (इक्विटी सेविंग)” जहां आप 70% इक्विटी में 30% डेब्ट फंड में निवेश कर सकते हैं और बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स (हाइब्रिड एग्रेसिव) जहां आप 70% डेब्ट में 70% इक्विटी फंड में निवेश करते हैं ।
Step 3
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपके पास बहुत से विकल्प हैं, आप सीधे म्यूचुअल फंड की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर भी निवेश कर सकते हैं या निम्न का उपयोग कर सकते हैं
म्यूचुअल फंड हाउस – म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के लिए आप सीधे म्यूचुअल फंड हाउस की वेबसाइट पर जाकर निवेश कर सकते हैं । इसके लिए आपको इस साइट पर अपना अकाउंट बनाना है इसके बाद आप सीधे वहां से निवेश कर सकते हैं, जैसे HDFC, ICICI, SBI, Aditya Birla Sun Life आदि ।
ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म – भारत में बहुत से थर्ड पार्टी निवेश प्लेटफॉर्म हैं जिनके माध्यम आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं । जैसे Zerodha Coin, Groww, Paytm Money, ET Money, और Kuvera ऐप्स और वेबसाइट्स, जिन्हें मोबाइल या कंप्यूटर पर आसानी से एक्सेस और उपयोग किया जा सकता है ।
ईएमएफआई साइट – AMFI की वेबसाइट पर जाकर आप सभी म्यूचुअल फंड्स के बारे में जानकारी लेकर अपने अनुसार सीधे निवेश कर सकते हैं ।
SEBI रजिस्टर्ड एजेंट द्वारा – SEBI द्वारा आप किसी रजिस्टर्ड एजेंट के जरिए से म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं जो आपके लिए फंड्स का चुनाव करने में और निवेश को मैनेज करने में सहायता करते हैं ।
रोबो-एडवाइजर्स – कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स या ऐप्स पर आप रोबो-एडवाइजर्स की सर्विस लाभ उठा सकते हैं, जो आपकी निवेश क्षमता और लक्ष्यों के आधार पर म्यूचुअल फंड्स में निवेश के सुझाव देते हैं । यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑटोमेटेड होती है और आसानी से इसका उपयोग किया जा सकता है ।
इसके अलावा आप सीधे म्यूचुअल फंड हाउस के कार्यालय जाकर या उनके अधिकृत केंद्रों पर जाकर निवेश कर सकते हैं, इसके लिए आपको वहां निवेश से संबंधित फॉर्म्स भरने होंगे और जरूरी डॉक्यूमेंट्स देने होंगे ।
✍️ Note
यदि आप कम रिस्क लेना चाहते हैं तो अपने पैसे को एक फंड में निवेश न करके अलग-अलग फंड्स में निवेश करें ताकि जब भी कोई प्राइस क्रैश होगा तो दूसरी जगह से प्रॉफिट होने पर आपका लॉस कवर हो सकता है, हालांकि यह आपके ज्ञान और मार्केट की स्थिति पर भी निर्भर करता है ।
मार्केट में अक्सर उतार चढ़ाव होते रहते हैं यदि आप इनका फ़ायदा उठाकर अपने लॉस को कम और प्रॉफिट को बढ़ाना चाहते हैं, इसके लिए आप निवेश से संबंधित न्यूज़ ब्लॉग, चैनल को फॉलो कर सकते हैं ताकि बेस्ट म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकें, जैसे A Wealth of Common Sense, Safal Niveshak, The College Investor, MoneyNing आदि ।
Last Step
इस तरह आपको उपरोक्त विकल्प में से जो आसान लगे उसका उपयोग करके आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको डिमैट अकाउंट की आवश्यकता होगी इसे बनाने के लिए आपके पास निम्न डॉक्यूमेंट्स होने चाहिए
पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक खाता (जो कि KYC से लिंक हो) या KYC डॉक्यूमेंट्स (अगर आपने KYC पहले नहीं किया है)
म्यूचुअल फंड निवेश करने से आपको बहुत से फ़ायदे मिलते हैं जो ख़ुद से निवेश करने पर शायद न मिलें जैसे आपके पैसे को फंड मैनेजर (मार्केट विशेषज्ञ) निवेश करते हैं जिससे लॉस संभावना कम होती है, SIP के जरिए आप म्यूचुअल फंड में छोटे छोटे निवेश से शुरुआत कर सकते हैं, जरूरत के समय आप अपने म्यूचुअल फंड से पैसा निकाल भी सकते हैं और डिविडेंड ऑप्शन, डेब्ट म्यूचुअल फंड या SWP आदि का उपयोग करके नियमित पैसिव इनकम अर्जित कर सकते हैं ।
Risk & Challange’s
#1. म्यूचुअल फंड्स की बहुत सी कैटेगरी हैं, जैसे इक्विटी, डेब्ट, हाइब्रिड आदि, इनमें सही फंड चुनना एक चुनौतिपूर्ण कार्य हो सकता है, खासकर यदि आप नए निवेशक हैं । |
#2. सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश करने के मुकाबले में म्यूचुअल फंड्स में कम जोखिम होते हैं, लेकिन इन्हें समझना आपके लिए ज़रूरी है इसलिए निवेश करने से पहले, आपको अपने रिस्क सहने की क्षमता का मूल्यांकन करना अच्छा रहेगा । |
#3. शेयर मार्केट में अक्सर अप एन डाउन होते रहते हैं जिससे आपके फंड के प्रदर्शन पर गहरा प्रभाव हो सकता है इसलिए आपको लम्बी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए। |
#4. कुछ म्यूचुअल फंड्स ऐसे हैं जिनमें निवेश का लॉक-इन पीरियड होता है, जैसे टैक्स-सेविंग फंड्स (ELSS) अगर आप ऐसे फंड्स में निवेश करते हैं तो अचानक या कठिन परिस्थिति में जल्दी पैसे निकालना एक बड़ी चुनौती हो सकती है । |
#5. बड़ा प्रॉफिट कमाने के लिए आपको लंबे समय के लिए निवेश करना होगा और साथ में धैर्य रखना होगा, अगर आप म्यूचुअल फंड से जल्दी पैसा निकालते हैं, ऐसे में आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है । |
#6. म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने पर आपको मैनेजमेंट फीस और अन्य खर्चे देने होंगे, जिससे आपके रिटर्न कर प्रभाव पड़ेगा । |
#7. म्यूचुअल फंड्स में आपका रिटर्न बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है कि आपको कितना रिटर्न मिलेगा और कभी-कभी यह अनिश्चित हो सकता है । |
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जरूरी शब्द
यदि आप एक फुल टाइम या पार्ट टाइम एंप्लॉय हैं या रिटायर्ड पर्सन हैं और अपनी अतिरिक्त पूंजी को निवेश करके पैसिव इनकम अर्जित करना चाहते हैं बिना मार्केट की गहन समझ हासिल किए म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना आपके लिए सुनहरा अवसर हो सकता है, लेकिन यह एक लॉन्ग टर्म प्रॉसेस है जिसमें कुछ म्यूचुअल फंड्स से प्रॉफिट आने में समय भी लग सकता है ।